नाइजीरियन ठग को मिली दो साल से ज्यादा की कठोर कारावास की सजा,रिटायर अधिकारी से ऐसे ठगे थे 50 लाख

डॉलर में निवेश का झांसा देकर लोनिव के रिटायर अधिकारी से 50 लाख रुपये से ज्यादा ठगी के आरोपी को एसीजेएम सचिन कुमार की अदालत ने दोषी करार देते सजा सुनाई। दोषी को दो वर्ष 10 माह कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। उस पर अलग-अलग धाराओं में दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।


सहायक अभियोजन अधिकारी गुलाब सिंह ने बताया कि जनवरी 2002 में लोनिवि से वीआरएस लेने वाले अधिकारी आनंद प्रकाश जुयाल निवासी राजीव जुयाल मार्ग ब्राह्मणवाला ने डॉलर निवेश का झांसा देकर पचास लाख रुपये से ज्यादा की ठगी को लेकर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।


पीड़ित ने तहरीर में कहा कि 28 जून 2015 को सार्जेंट कैथरीन नाम के व्यक्ति ने ई-मेल के जरिए दोस्ती का प्रस्ताव दिया। प्रोफाइल में खुद को अफगानिस्तान में सेवारत विश्व शांति सेवा में अमेरिकी सार्जेंट बताया। इसी तरह बताते हुए सार्जेंट मर्सी नाम के व्यक्ति के मैसेज किया।


उसने इराक में तैनात बताया। पीड़ित ने दोनों की फ्रेंड रिक्वेट स्वीकार कर ली। एक जुलाई 2015 को सार्जेंट कथरीन ने इमेल के जरिए पीड़ित को बताया कि उसके पास 35 लाख डॉलर हैं। जो उन्होंने आतंकवादी शिविरों से हासिल किए हैं। इस धनराशि को पीड़ित के जरिए भारत में निवेश करने की बात की।


ऐसे ही मैसेज सर्जेंट मर्सी नाम से बनी प्रोफाइल से आया। जिसमें 46 लाख डॉलर होने की बात कहते हुए यही झांसा दिया गया। दोनों ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर एक-एक व्यक्ति को यूएन राजनयिक बताकर भेजने की बात कही। बाद में पीड़ित को कहा गया कि दोनों एयरपोर्ट फंस गए हैं।


ऐसे में पीड़ित से 41,500 और 61,500 रुपये मांगे गए। पीड़ित ने आरोपियों के दिए खाते नंबर में राशि जमा करवा दी। इसके बाद राजनयिक कहकर आए दोनों आरोपियों ने पीड़ित से अलग-अलग बैंक खातों में 50 लाख रुपये से ज्यादा जमा करवा लिए।


पीड़ित की तहरीर विदेशी नाम के सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान आरोपी प्रोमिस एबुका एन्यावोलू निवासी नाईजीरिया हाल निवासी मकान संख्या 240, द्वितीय तल निकट ईएमआई अस्पताल, सेक्टर-9, गुरुग्राम, हरियाणा को पुलिस गिरफ्तार करने में सफल हुई।


आरोपी के खिलाफ न्यायालय ने 12 जून 2018 को चार्ज फ्रेम किए। इसके बाद केस ट्रायल पर चला। गुरुवार को न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते सजा पर फैसला सुनाया।