लॉ पूरक परीक्षा मामला: डीयू को एक सप्ताह में जवाब देने का आदेश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को अंतिम वर्ष के कानून के छात्रों द्वारा दायर याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। इन छात्रों ने उन विषयों के लिए पूरक परीक्षा देने की अनुमति मांगी है, जिन्हें उन्होंने पहले से चौथे सेमेस्टर के बीच में उत्तीर्ण नहीं किया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकलपीठ ने चेतावनी दी कि डीयू को अंतिम अवसर दिया जा रहा है। डीयू एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करे। अगर निर्धारित समय के भीतर हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता, तो डीयू को पांच हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।


उच्च न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसे सात अक्तूबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। पीठ ने कहा कि डीयू पूरक परीक्षा आयोजित नहीं कर रहा है और न ही पीठ के समक्ष जवाब दाखिल कर रहा है। अजीब स्थिति को देखते हुए यह आदेश दिया गया है।


उच्च न्यायालय छात्र संधेश झा एवं अन्य छात्रों द्वारा अधिवक्ता अमित शर्मा और सत्यम सिंह के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें 22 अगस्त, 2017 की अधिसूचना से पहले मौजूद प्रावधानों और 9 अक्तूबर, 2017 को नोटिस के अनुसार पूरक परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई थी। 
उच्च न्यायालय ने 28 जुलाई को डीयू को एक और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसमें संकेत दिया गया था कि अंतिम सेमेस्टर के छात्रों के लिए अंतिम सेमेस्टर के लिए परीक्षा के साथ-साथ अंतिम सेमेस्टर के लिए पूरक परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था को लेकर जानकारी देने को कहा गया था। यहां तक कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी इसका अनुमोदन किया था, लेकिन उच्च न्यायालय के इस आदेश के बावजूद डीयू ने जवाब दाखिल नहीं किया।